इस प्रकार यह गौण उत्सर्जन को रोकने में सफल होती है।
5.
यदि पूर्ववर्ती इलेक्ट्रानों की गति अत्यधिक न्यून हो तो गौण उत्सर्जन नहीं होता।
6.
पट्टिक से जब अत्यंत वेगगामी तापायनिक इलेक्ट्रान टकराते हैं तो पट्टिक से गौण उत्सर्जन होने लगता है।
7.
पृथक्कारी (इनसुलेटर) से गौण उत्सर्जन-पृथक्कारी से होनेवाला गौण उत्सर्जन कभी-कभी धातुओं के उत्सर्जन से अधिक लाभदायक होता है।
8.
वर्तमान काल में प्रयोग में लाई जानेवाली विभिन्न प्रकार की संग्रह नलियों (स्टोरेज ट्यूब्स) में पृथक्कारी से गौण उत्सर्जन का उपयोग किया जाता है।
9.
दूसरे ग्रिडों का कार्य या तो आवरण का होता है या पट्टिक से गौण उत्सर्जन को दबाने का होता है, जैसा चतुर्ध्रुवी तथा पंचध्रुवी में होता है।
10.
कभी कभी कुछ विशेष पुंजशक्ति नलियों में एक ओर दमनकारी ग्रिड लगा देते हैं, परंतु अतंरण आवेश द्वारा बनाई गई बेलनाकार सतह गौण उत्सर्जन को रोकने में विशेष प्रभावशाली होती है।